Tuesday, February 19, 2013

the speech of omprakash chhunchha in mumbai at brahmkshtriya sampark samaj mumbai






आदरणीय अध्यक्ष महोदय, मंच पर उपस्थित समस्त सम्मानित 
महानुभाव, दूर दूर से पधारे न्याति  बन्धुओ, देवियों और सज्जनों ! 


मैं ओमप्रकाश जेठमल छूंछा  आप  सभी का इस  विराट  अवसर पर 
हार्दिक स्वागत करता हूँ एवम  आत्मिक अभिनन्दन करता हूँ . 


ब्रह्मक्षत्रिय संपर्क समाज मुंबई द्वारा आयोजित इस मेगा  सामूहिक 
विवाहोत्सव के भव्य मंच पर  समाज की ओर  से आपने जो दिव्य 
और भव्य सम्मान मुझे प्रदान किया है  सबसे पहले  मैं उसके लिए  
ब्रह्मक्ष्त्रिय  संपर्क समाज  मुंबई  को धन्यवाद  देता हूँ  और  विश्वास  
दिलाता हूँ  कि  इस सम्मान के गौरव  और गरिमा  को सतत  बनाए 
रखूँगा . 


प्यारे स्वजनों !  चूँकि  व्यापार  के साथ साथ  विभिन्न  सामाजिक 
संगठनों के माध्यम  से लगातार  समाज की सेवा में तन मन धन 
से सक्रिय  रहता हूँ  इसलिए आये दिन  कहीं न कहीं  सम्मान मिलते 
ही रहते हैं परन्तु  यह सम्मान  उन सबसे  ऊँचा और  अधिक 
गरिमापूर्ण  है  क्योंकि यह सम्मान  मेरे अपने  समाज ने  या यों कहो
कि  मेरे  बड़े परिवार ने मुझे प्रदान किया है . इसलिए इस सम्मान पर
अगर मैं  अपने सारे  सम्मान भी न्योछावर  कर दूँ  तो  भी कोई 
अतिश्योक्ति  नहीं होगी . 


सम्माननीय न्याति बन्धुओ,  बड़ा  सुख मिलता है  जब आप में से कोई 
हिंगलाज भक्त  गढ़ सिवाना  से फोन करके धन्यवाद देता है और कहता है  
कि वाह  ओम  जी वाह, आपने  गढ़ सिवाना में  संगमरमर की  नई सरलगामी  
सीढियाँ   बना कर और  सीढियों पर  शेड्स  लगवा कर  यात्रा सरल कर दी क्योंकि  
पहले  बड़ी कठिनाई होती थी  . इसी प्रकार  बड़ा आनंद  अनुभव होता है  
जब राजस्थान  से कोई फोन करके कहता है कि धन्यवाद  ओम जी  आपने अपने 
कैम्प  में पशुओं की चिकित्सा करा कर  हमारी गायों  और बैलों के  प्राण बचा 
लिए . मैं आपको  बता नहीं सकता मित्रो ! कि कितना सुकून मिलता है उस 
वक्त  जब  गाँव  गुड़ा  बालोताण में  मेरे द्वारा  स्थापित  में बच्चे शिक्षा  पाते  
हैं  अथवा  गाँव  के प्रवेश द्वार   हिंगलाज द्वार से गुज़रते हुए कुलदेवी  माँ 
हिंगलाज का स्मरण करते हैं . वो चाहे जोधपुर और अन्य  स्थानों पर बनाए गए 
शमसान स्थल  हों या  श्रीकृष्ण  मंदिर का  जीर्णोद्धार  हो, जालोर  के बाबा 
रामदेव मंदिर  में निर्माण सहयोग हो या  केरला  जैसी  दक्षिण  भारतीय  
भूमि पर कोचीन में बाबा रामदेवजी के मंदिर का निर्माण  हो . मुझे  सब  
कामों  में  आनंद आता है  इसलिए मैं ये करता रहा हूँ और आगे भी करता रहूँगा . 



गीता में भगवान् श्रीकृष्ण  ने  धन के  बारे में साफ साफ कहा है कि  धन 
के तीन ही उपयोग हैं  दान, भोग अथवा नाश ...........इसी के साथ यह भी 
कहा है इनमे सबसे  श्रेष्ठ  उपयोग दान है . तो मित्रो गीता के सन्देश को 
शिरोधार्य  करना चाहिए .....और जहाँ तक हो सके दान  करते रहना 
चाहिए , इसी के  साथ स्वयं भोग भी करना चाहिए  धन का, क्योंकि  
परमात्मा ने हमें  इस योग्य समझ कर ही  भेंट  किया है . हम धन का उपयोग  
नहीं करेंगे तो तीसरी  और आखरी गति धन की नाश है ......जो कोई भी 
समझदार व्यक्ति नहीं चाहेगा 



बस यही मेरा फलसफा  है और यही मेरा संदेश है  कि  जियो  तो जी भर 
के जियो, ...........जीवन  का हर सुख भोगो  लेकिन  अपनी आमदनी का 
एक हिस्सा दान ज़रूर करो



आपने मुझे समय दिया और मेरी बात सुनी इसके लिए मैं आप सभी का 
हार्दिक आभारी हूँ . 


धन्यवाद 

जय माँ हिंगलाज 
 





Wednesday, February 6, 2013

ओम प्रकाश छूंछा द्वारा सामूहिक विवाह पर दिया गया संबोधन

 खत्री समाज के अग्रगण्य समाजसेवी  एवं  उद्योगपति श्री ईश्वर भाई पड़िया द्वारा 

स्थापित  व संचालित ब्रह्मक्षत्रिय सम्पर्क समाज मुंबई के 35वें सामूहिक लग्नोत्सव 

की छटा ही निराली थी .नवप्रमुख श्री विजय एस ठाकुर की अगुवाई में हर वर्ष की 
\
भांति इस वर्ष भी अत्यंत सुन्दर, वैभवपूर्ण और रंगारंग  अन्दाज़ में संपन्न हुआ 

यह महोत्सव . 


अनेक प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया तथा  नवविवाहित दम्पतियों को 

आशीर्वाद के साथ साथ घर-संसार का बहुत सा  सामान भी भेंट किया गया . 

इस मांगलिक अवसर पर संस्था के चेयरमैन श्री ओम प्रकाश छूंछा  ने एक 

सारगर्भित भाषण दिया जो निम्नप्रकार है : 

इस मांगलिक अवसर  के गौरवपुरुष आदरणीय समारोह अध्यक्षश्री
विजय एस ठाकुर जी,  मंचस्थ सुशोभित  सम्मानित सभी  विशिष्ट अतिथिजन,  ब्रह्मक्षत्रिय संपर्क समाज मुंबई के तमाम पदाधिकारी,  नव विवाहित आयुष्मान वर वधुओ,  दानदाताओ, सहयोगियों,  साथियों  और 35वें सामूहिक विवाहोत्सव के रूप में संपन्न इस मेगा मेगा मेगा इवेन्ट के साक्षी बने  आप समस्त देवियों, सज्जनों  व बालगोपाल का  मैं  ओम प्रकाश जेठमल छूंछा  अपनी और अपने परिवार  की ओर से हार्दिक स्वागत करता हूँ, इस्तेकबाल करता हूँ  तथा चेयर पर्सन के नाते इस आयोजन की ओर से आत्मिक अभिवादन और अभिनन्दन करते हुए बहुत बहुत बधाइयाँ  व  मुबारकबाद देता हूँ  तमाम नव दम्पतियों को  उनके अभिभावकों को तथा  ब्रह्मक्षत्रिय संपर्क समाज मुंबई  से जुड़े प्रत्येक बन्धु  बांधवों  व बुजुर्गों  और नौजवान साथियों को जिनके अथाह परिश्रम  और योगदान के बल पर यह आयोजन इतना सफल हो सका। इसी के साथ  मैं  ह्रदय पूर्वक  आभार व्यक्त करता हूँ  उन  उदार दानदाताओं  व प्रायोजक जन का  जिन्होंने  ज़बरदस्त उत्साह व उदारता पूर्वक आर्थिक  सहयोग देकर  इस स्वप्निल  कार्यक्रम को  शिखर तक पहुँचाया . 



सम्मानित न्याति बन्धुओ ! इलाहाबाद  के संगम में इन दिनों  महाकुम्भ का 
महापर्व  चल रहा है . लाखोंलाख  लोग वहां जमा होंगे  क्योंकि ऐसा  पावन 
अवसर 12 साल में  एक बार आता है . इस कारण इस मेले को  भारत का 
महानतम  धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव कहा जाता है  लेकिन  मैं समझता 
हूँ  ब्रह्मक्षत्रिय संपर्क समाज के सामूहिक विवाहोत्सव का यह मंगल कलश  उस 
महाकुम्भ से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है . क्योंकि  उसमें तो अनेक लोग अक्सर 
अपनों से बिछड़  जाते हैं जबकि यहाँ  तो नए रिश्ते बनते हैं ,  यहाँ तो घर  
बसाए जाते हैं, यहाँ तो  उम्मीदों को  पंख दे कर  आकाश में  उड़ने का अवसर 
दिया जाता है . इसके अलावा वो कुम्भ तो  12 साल बाद आता है  लेकिन यह  
कलश तो  हर साल आता  है और आता ही रहेगा .....इस कलश की  स्थापना 
का यह 35 वां जलसा है  जिसके लिए आदरणीय  ईश्वर भाई पड़िया  व उनकी 
टीम  खूब खूब अभिनन्दन के  पात्र  हैं . एक बार ज़ोरदार तालियाँ बजा कर 
 
 इनका अभिनन्दन  करें . इन्होने  जो पावन परम्परा  कायम की है  हम उसे 
इसी प्रकार  सदा सदा जीवन्त  और उर्जामान रखेंगे, ऐसा संकल्प भी हमारे 
 मन में है .



देवियों और सज्जनों !  आज के  हालात में  सामूहिक  विवाह का  बड़ा महत्व 
है,  न केवल महत्व  है बल्कि  बहुत ज़रूरी हो गया है .  आज की इस 
हाहाकारी मंहगाई के दौर में  मिडिल क्लास  फैमिली के लिए  तथा 
अपेक्षाकृत  कमज़ोर वर्ग के लिए  तो सामूहिक विवाह एक वरदान है . 
कितने झंझट, कितनी तैयारी  और  कितना पैसा खर्च होता है आजकल 
 शादी में ....ज़रूरी नहीं कि हर व्यक्ति यह भार उठाने में सक्षम हो . 
इसलिए  सामूहिक विवाह  की यह प्रथा  अभिनन्दन योग्य है और प्रत्येक 
वर वधु के लिए अनुकरणीय है . आशा है जिस प्रकार  आज तक आप  
अपना उदार सहयोग देते आये हैं आगे भी देते रहेंगे  और  यहाँ  सामूहिक 
 लग्नोत्सव  मनते ही रहेंगे .



समय  की मर्यादा को देखते हुए, अधिक कुछ न कह कर   मैं अपने  शब्दों 
को यहीं विराम देता हूँ  और कुलदेवी  राजराजेश्वरी  माँ हिंगलाज से 
प्रार्थना करता हूँ  कि  नव विवाहित दम्पतियों के जीवन  में  सदैव  हर्ष, 
आनंद, समृद्धि, आरोग्य  और यश - कीर्ति  की  धारा प्रवाहमान रहे . 
आपने  मुझे समय  दिया और मुझे सुना  इसके  लिए  मैं आप सभी का  
आभारी हूँ 

धन्यवाद 
जय हिन्द - जय महाराष्ट्र  - जय जय राजस्थान 
बोलिए हिंगलाज मात की ............जय

ओम प्रकाश छूंछा द्वारा सामूहिक विवाह पर  दिया गया संबोधन

करुणामूर्ति ओम प्रकाश जेठमल छूंछा द्वारा राजस्थान में श्रीमती हंजाबाई गौशाला केन्द्र (बेडा) को एम्ब्युलेंस भेंट



  करुणामूर्ति ओम प्रकाश जेठमल छूंछा द्वारा राजस्थान में श्रीमती हंजाबाई  गौशाला केन्द्र (बेडा)  को एम्ब्युलेंस भेंट

मुंबई निवासी सक्रिय समाजसेवी श्री ओम प्रकाश  जेठमल छूंछा ने

गत दिनों अपनी उदारता और गौभक्ति का एक और उदाहरण प्रस्तुत

करते हुए राजस्थान  में श्रीमती हंजाबाई गौशाला केंद्र (बेडा) में पशु

चिकित्सा में त्वरित कार्रवाही हेतु एक अत्याधुनिक एम्ब्युलेंस भेंट

की . इससे गौ संरक्षण  और चिकित्सीय ज़रूरत पर  गौशाला को

बहुत  मदद  मिलेगी .


लाख लाख आभार ओम  जी ...........

-अलबेला खत्री
राष्ट्रसंत जैनाचार्य पूज्य जयंतसेन सुरिश्वर जी म . सा . के सान्निध्य में श्री जेठमल छूंछा व श्री ओम प्रकाश छूंछा 

एम्ब्युलेंस भेंट करने की तैयारी में श्री ओम  प्रकाश छूंछा 

फीता काट  कर समारोह का उदघाटन करते हुए श्री ओम प्रकाश छूंछा 

एम्ब्युलेंस को मंगल तिलक करते हुए उदार दानदाता  श्री ओम प्रकाश छूंछा 

गौभक्त श्री ओम प्रकाश छूंछा 

मंगलाचरण विधि संपन्न करते हुए ब्रह्मक्षत्रिय गौरव श्री ओम प्रकाश छूंछा 

अपने सत्कार्यों के लिए राजस्थानी  पगड़ी द्वारा सम्मानित होते हुए  श्री ओम प्रकाश छूंछा 


परम्पराओं के साथ आधुनिकता का अनूठा सामंजस्य हैं ओम प्रकाश छूंछा



प्यारे पाठक मित्रो !

सेवा, सत्कर्म व सहिष्णुता के प्रतीक पुरूष सम्मान्य श्री ओम प्रकाश 

छूंछा न केवल एक उच्च व्यवसायी व समाजसेवी हैं अपितु एक जागरूक 

और ज़िम्मेदार विचारक भी हैं . समाज में प्राचीन परम्पराओं के संरक्षण 

को वे महत्व देते हैं परन्तु  आधुनिकता के भी प्रबल पक्षधर हैं . उनके 

वैयक्तिक एवं सार्वजनिक  जीवन की चुनिन्दा  झलकियाँ  जन जन तक 

पहुँचाने के लिए मैंने यह ब्लॉग प्रारम्भ किया है . आशा है आप इस महान 

व्यक्तित्व की विराट  प्रतिभा से रूबरू हो कर अपनी बेबाक टिप्पणियों से 

अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहेंगे . 

धन्यवाद 

-अलबेला खत्री 
chife geust sh. om prakash chhunchha with manhar lal kaku in surat on lokarpan samaroh of JAI MAA HINGULAJ

chife geust sh. om prakash chhunchha with albela khatri  in surat on lokarpan samaroh of JAI MAA HINGULAJ